पति की दीर्घ आयु की कामना के लिए रखा जाता है करवा चौथ का व्रत। शुभ मुहूर्त में कैसे करें करवा चौथ की पूजा।
शुक्र ग्रह और रोहिणी नक्षत्र से बन रहा है करवाचौथ पर विशेष संयोग जिससे बढ़ेगा पति-पत्नी में प्रेम।
भारतीय वैदिक परम्परा के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को
रखा जाता है करवा चौथ का व्रत। यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बेहद विशिष्ट माना
गया है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु और सुखमय दांपत्य जीवन
के लिए निर्जला यानि बिना अन्न और जल का व्रत रखती हैं। करवा चौथ को कई जगह करक
चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार शु्क्रवार और रोहिणी नक्षत्र में करवाचौथ
व्रत पड़ रहा है। इस विशेष संयोग में व्रत रखने वाली सुहागिनों का सुहाग तो अटल रहेगा ही, पति का आकर्षण भी उनके प्रति अधिक बढ़ सकता है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म नक्षत्र रोहिणी भी शाम 4:57 तक है। रोहिणी नक्षत्र होने के कारण पति-पत्नी
के संबंधों में जहां मिठास घुलेगी वहीं एक दूसरे के प्रति लगाव भी धीरे-धीरे बढ़ता
जायेगा।
वामन पुराण मे भी करवा चौथ व्रत का वर्णन मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण के कहने
पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। मान्यता है कि इसी करवाचौथ व्रत से पांडवों
को महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी। दिन भर निर्जल व्रत रखने के बाद, शाम को चंद्रमा को जल का अर्घ्य देने के साथ
व्रत संपन्न होता है। इस दिन सिर्फ चंद्रमा की ही पूजा नहीं होती। बल्कि करवाचौथ
को शिव-पार्वती और स्वामी कार्तिकेय की पूजा भी जाती है। शैलपुत्री पार्वती ने भी
भगवान शंकर को इसी प्रकार के कठिन व्रत से पाया था। इस दिन गौरी पूजन से जहां
महिलायें अखंड सुहाग की कामना करती हैं, वहीं अविवाहित कन्यायें, सुयोग्य वर पाने की प्रार्थना करती हैं। मान्यता है कि जिन दंपत्तियों के बीच
छोटी-छोटी बात को लेकर अनबन रहती है, करवाचौथ व्रत से आपसी मनमुटाव दूर हो जाता है। करवाचौथ में चंद्रमा की पूजा की
जाती है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। सारे रिश्ते नाते भी इसी मन की डोर
से बंधे हुए हैं।
कर्क चतुर्थी पर चन्द्रमा को विशेष कला प्राप्त
होती है। मान्यता के अनुसार करवा चतुर्थी पर चांद को प्रत्यक्ष नहीं देखना चाहिए। वरन्
प्रतिबिंब का दर्शन कर व्रत खोलना चाहिए। राजस्थान, हरियाणा व
पंजाब में महिलायें
छलनी के माध्यम से चांद का दीदार करती है। अन्य स्थानों पर पानी तथा कांच में प्रतिबिंब
देखकर व्रत को पूर्णता प्रदान की जाती है। करवा चौथ के दिन मिट्टी के गणेशजी की स्थापना करनी
चाहिए। मिट्टी की सुगंध से घर की परेशानियां दूर होती हैं। इस दिन गणपतिजी के साथ माता
पर्वती का पूजन किया जाना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
पूजन एवं चन्द्रोदय का समय :-
करवा चौथ का पूजन करने वाली सुहागिन महिलाओं के
लिए सांध्यकालीन पूजन का समय शाम 6:02
से शाम 07:18 तक है। बाकी पूरे भारत में दो से चार मिनट
का अंतर आ सकता है। सबसे पहले वाराणसी
में रात 8 बजकर 8 मिनट पर चंद्रमा निकलेगा।सबसे बाद में
महाराष्ट्र के मुंबई में रात 8 बजकर 58
मिनट पर चांद का दीदार
हो पायेगा।
ज्योतिषीय उपाय :-
करवा चौथ के दिन भगवान श्रीगणेश, चंद्रमा व पति का पूजन एवं दर्शन किया जाता है। पुराणों के अनुसार, चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं
इसलिए अगर इस तिथि पर श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार कुछ विशेष
ज्योतिषीय उपाय किए जाएं तो बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है। ये उपाय पति-पत्नी
दोनों कर सकते हैं। जानिए अपनी राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय-
मेष राशि
मेष राशि वाले लोग इस दिन भगवान गणेशजी पर सिंदूर चढ़ाएं। ऊं गं गणपतये नम: का
108 बार जाप करें। ऐसा करने से समस्त विघ्न संकट का
निवारण होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले लोग करवा चौथ के दिन श्रीगणेशजी को सफेद फूल पर इत्र लगाकर नौ
दूर्वा के साथ लड्डू का भोग लगाएं। पूजा करते समय ऊँ गं ऊँ गं मंत्र का जाप करें।
इस प्रकार श्रीगणेश का पूजन करने पर सभी कार्य में सफलता व सिद्धि प्राप्त होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वाले लोगों के लिए हरी गणेश प्रतिमा की दूर्वा की माला बनाकर ऊं
श्री गं गणाधिपतये नम: 108 बार बोल कर चढ़ाना
चाहिए। भगवान श्रीगणेश को गुड़ का भोग लगाएं।
कर्क राशि
कर्क राशि वाले लोगों के लिए गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए सफेद आंकड़े के
पुष्प की माला बनाकर साथ में दूर्वा की जड़ बांधकर अर्पित करें। ऊं श्री श्वेतार्क
देवाय नम: का जाप कम से कम 108 बार करें। मोदक के नैवेद्य पर थोड़ा सा मक्खन चढ़ाएं। इस प्रकार भगवान गणेश की
पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
सिंह राशि
सिंह राशि वाले लोगों के लिए श्रीगणेश पर 108 दूर्वा कुमकुम में रंग कर चढ़ाएं। गुड़ की 11 गोली बनाकर भगवान गणेशजी को अर्पण करें जिससे चहुंमुखी
विकास होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वाले लोगों को इस दिन भगवान गणेश के मंदिर में हरे मूंग व गुड़ का
दान करें। श्री वक्रतुंडाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। इस तरह श्रीगणेश का पूजन करने से आपको सभी कार्यों में सफलता
प्राप्त होगी।
तुला राशि
तुला राशि वाले लोगों को इस दिन सवाया लड्डू का भोग श्रीगणेश को लगाएं। दूर्वा
व फूल भी चढाएं। श्रीगणेश स्त्रोत का पाठ करना भी श्रेष्ठ होता है। जिससे सभी
संकटों का निवारण होकर इच्छित मनोकामना पूर्ण होती है।
वृश्चिक राशि
करवा चौथ पर वृश्चिक राशि वाले लोगों को श्रीगणेशजी पर लाल रंग से रंगे चावल
अर्पण करने चाहिए। श्री विघ्नहरण संकट हरणायनम: का जाप करें, जिससे समस्त मनोकामना पूरी हो सके।
धनु राशि
धनु राशि वाले लोगों को करवा चौथ पर गणेशजी की आराधना करना चाहिए। हल्दी की पांच
गठान श्री गणाधिपतये नम: बोलते हुए चढ़ाएं। इस प्रकार पूजा करने पर भगवान श्रीगणेश
सभी कामनाएं पूरी करते हैं।
मकर राशि
मकर राशि वाले लोगों को भगवान श्रीगणेश को काले तिल अर्पण करने चाहियें। दूर्वा
व लाल रंग के फूल पर इत्र लगाकर श्री गणेशाय नम: का जाप करके श्रीगणेशजी को अर्पण
करें। जिससे समस्त विघ्न का निवारण हो सके। गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वाले लोगों को करवा चौथ पर श्रीगणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं व उनके
मस्तक के मध्य में हल्दी का तिलक लगाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि वाले लोगों को पीले रंग के धागे में पीले पुष्प व दूर्वा की माला
बनाकर श्री गणेशजी को अर्पण करनी चाहिए। ऊं गं गं गं गं गं श्री गजाय नम: का जाप
करें।



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